मेरे "दिल की आवाज" !

 
गज़ल क्या है, मुझे नहीं मालूम !
 
नज्म क्या है, मुझे नहीं मालूम !
 
कविता क्या है, मुझे नहीं मालूम!
 
अल्फाज़ क्या है, मुझे नहीं मालूम !
 
मैं तो लिखता हूँ बस अपने "दिल की आवाज" !
 
ये ही मेरी गज़ल है, ये ही मेरा नज्म है !
 
ये ही मेरी कविता है, ये ही मेरे अल्फाज़ है !
 
मेरे "दिल की आवाज" 
                                                     
                                                                     प्रमोद मौर्य "प्रेम"
 

Read more...

मेरे मौला !

 
मेरी टूटी किस्मत संवार दे, मेरे मौला !
मेरा खोया प्यार मुझे लौटा दे, मेरे मौला !!
 
मैं तुझसे ज्यादा कुछ नहीं माँगता !
मेरा बिछड़ा हुआ यार मिला दे, मेरे मौला !!
 
जिसे देखकर मेरा चेहरा गुलाब सा खिल उठता था !
उस चेहरे की बस एक झलक दिखला दे, मेरे मौला !!
 
जिसकी आवाज सुनने को मैं पलपल तड़पता था !
उसकी आवाज मुझे फिर से सुना दे, मेरे मौला !!
 
जाने कितने बरस हो गये मुझे, मेरे चाँद को देखे !
अब के बरस तो मेरी ईद बना दे, मेरे मौला !!
 
मैं सजदा किया करता हूँ, उसके लिए सभी मजारों पर !
मेरे दिल की आवाज, उसके दिल तक पहुंचा दे, मेरे मौला !!
 
                                                                        प्रमोद मौर्य "प्रेम"
                                                       
 

Read more...

इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !

 
मैं तुम्हें भूल जाऊं , इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !
मैं तुम्हें याद ना आऊँ, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !!
 
इस शहर के हर नाके पर तू ही नज़र आता है !
मैं तुम्हें नज़र ना आऊं कहीं, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !!
 
जब भी देखा तुमने मुझको, मुँह मोड़ लिया !
मैं तुम्हें दिख ना जाऊं कहीं, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !
 
तेरा रास्ता मैं बार-बार पुल पे रोका करता था !
तू रुक ना जाये कहीं, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !!
 
तेरा पीछा मैं रोज, छुपके-छुपके किया करता था !
मैं तेरे राज जान ना जाऊं कहीं, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !!
 
मेरे सिवाय तुम सबसे, हंस के गले मिलते थे !
मैं तेरे गले लग ना जाऊं कहीं, इसलिए तेरा शहर छोड़ दिया !!
 
                                                                  प्रमोद मौर्य "प्रेम"

 

Read more...

Read more...

आप यूँ ही हँसों और हँसाते रहो !!

 
आप हँसते हैं तो, फूल खिल जाते हैं !
आप यूँ ही हँसों और हँसाते रहो !!
 
आपकी ये हँसी है, मेरी जिन्दगी !
यूँ ही हँस कर, मेरी उम्र को बढ़ाते रहो !!
 
आपसे प्यारा है ना, इस जग में कोई !
आप यूँ ही प्यार, मुझ पर लुटाते रहो !!
 
आपकी बातें लगती है, सबसे अलग !
आप यूँ ही, मेरे दिल को बहलाते रहो !!
 
आप लगते हो दुनियाँ में सबसे हसीं !
मेरी तारीफ़, आप यूँ ही सुनाते रहो !!
 
आप का ये बदन है फूलों का गुलिस्ताँ !
खुद भी महकों और सबको महकाया करो !!
 
                                              प्रमोद मौर्या "प्रेम"
 
 

 

Read more...

मैंने सिर्फ माँगा है आपको !

 
अपने खुदा से मैं, और क्या इल्तजा करूँ !
जब भी उठा है हाथ दुआवों में, मैंने सिर्फ माँगा है आपको !!
 
 ना सोना ना चाँदी ना हीरा ना मोती !
अपने दिल का सरताज, मैंने सिर्फ माना है आपको !!
 
दिन हो या रात हो सुबह हो या शाम !
हर पल अपने दिल के पास, मैंने सिर्फ पाया है आपको !!
 
 
तेरी एक मुस्कराहट पे, मेरी पूरी ज़िन्दगी कुर्बान !
बना कर रोशनी इन निगाहों में, मैंने सिर्फ बसाया है आपको !!
 
यूँ तो मिलते रहे मुझको, कदम कदम पे नए दोस्त !
अपना महबूब अपना हमदम, मैंने सिर्फ बनाया है आपको !!
 
                                                                    प्रमोद मौर्या "प्रेम"
 

 

Read more...

ये मासूम सा दिल मेरा !

 
     ज़माने की ठोकरों से मुझे, महसूस होने लगा है !
     ये मासूम सा दिल मेरा, पत्थर सा होने लगा है !!
 
     पहले छोटी-छोटी सी बातें, किया करतीं थीं परेशान !
     अब परेशानियों का पहाड़ भी, राई सा होने लगा है !!
 
     पहले मेरा दिल हुआ करता था, छोटा सा तालाब !
     अब आहिस्ता-आहिस्ता ये, समंदर सा होने लगा है !!
 
     मैं रोता रहता था अपनों से, बिछड़ने के गम में !
     अब मिलना और बिछड़ना , मौसम सा होने लगा है !!
 
     मैं उठता नहीं था, फिर से गिरने के डर से !
     अब उठ कर जीतना, मुकद्दर सा होने लगा है !!
 
                                      प्रमोद मौर्या "प्रेम"
 

Read more...

About This Blog

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP